बार कॉउंसिल में एडवोकेट के रूप में पंजीकरण के लिए बीसीआई के नियमों का पालन ज़रूरी : सुप्रीम कोर्ट
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- June 10, 2023
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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण आदेश में माना है कि बार कौंसिल में एडवोकेट के रूप में पंजीकरण के लिए बार कॉउंसिल ऑफ़ इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त कॉलेज से लॉ में स्नातक करना आवश्यक है।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने इस मामले में ओडिशा हाईकोर्ट की खंडपीठ के अपेक्षित आदेश को रद्द कर दिया जिसमे प्रतिवादी को एक ग़ैर मान्यता प्राप्त कॉलेज से डिग्री लेने के बावजूद बार कॉउंसिल में एडवोकेट के रूप में पंजीकृत किए जाने का निर्देश दिया गया था।
इस मामले में प्रतिवादी ने विवेकानंद लॉ कॉलेज, अंगुल (ओडिशा) से साल 2009 में स्नातक करने के बाद बार कॉउंसिल में पंजीकरण के लिए आवेदन किया था लेकिन कॉलेज की बीसीआई से मान्यता नहीं होने कारण प्रतिवादी का पंजीकरण ख़ारिज कर दिया गया था। बी सी आई के फैसले के खिलाफ प्रतिवादी ने हाई कोर्ट में अपील दायर कर फैसले को चुनौती दी थी।
हाई कोर्ट ने 21 सितम्बर 2012 को आदेश पारित कर प्रतिवादी को बार कौंसिल में एडवोकेट के रूप में पंजीकृत किए जाने का निर्देश जारी किया था।
हालांकि बीसीआई द्वारा आदेश को चुनौती दिए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में प्रतिवादी पक्षकारों को नोटिस जारी किए जाने के बावजूद प्रतिवादी पक्ष की ओर से कोई भी पक्ष कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुआ।
पीठ ने शुक्रवार को सुनवाई के बाद कहा कि एडवोकेट के रूप में बार कॉउंसिल में पंजीकरण के लिए बार कॉउंसिल ऑफ़ इंडिया (BCI) के नियम का पालन आवश्यक है।
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